Pragit aur Samaj subjective Q and A

गद्य-9 | ‘प्रगीत’ और समाज (प्रश्न-उत्तर) – नामवर सिंह | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

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Q 1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के काव्य-आदर्श क्या थे, पाठ के आधार पर स्पष्ट करें ।
उत्तर- आचार्य रामचंद्र शुक्ल के काव्य-आदर्श प्रबंधकाव्य ही थे, क्योकि प्रबंधकाव्य में मानव जीवन का एक पूर्ण दृश्य होता है जो छोटी कविताओ या प्रगीत मुक्तिकों (लिरिक्स) मे नहीं मिलता है। उन्हे आधुनिक कविता से शिकायत थी क्योकि आधुनिक कविता मे प्रगीत मुक्तको को बढ़ावा दिया जाने लगा और इनकी रचनाओ का प्रचलन तेजी से बढ़ाने लगा। कहा जाने लगा कि आज कल कोई लंबी कविताएँ पढ़ना नही चाहता, किसी को फुरसत ही नही है।