पद्य-8 | उषा (प्रश्न-उत्तर) – शमशेर बहादुर सिंह | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स
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Q1. प्रातः काल का नभ कैसा था?
उत्तर- प्रातः काल का नभ नीला शंख के जैसा था। ओस की बूंदों से गीला आकाश राख से लिपा हुआ चौका की तरह दिखाई दे रहा था। सूर्योदय से पहले जो लालिमा आसमान में छाया हुआ है। उसको देखकर सब मोहित हो जाते हैं। सुबह का नभ बहुत पवित्र और मनमोहक था।