Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
आधारित पैटर्न | बिहार बोर्ड, पटना |
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कक्षा | 12 वीं |
संकाय | कला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc) |
विषय | हिन्दी (100 Marks) |
किताब | दिगंत भाग-2 |
प्रकार | प्रश्न-उत्तर |
अध्याय | गद्य-11 | हँसते हुए मेरा अकेलापन – मलयज जायसी |
कीमत | नि: शुल्क |
लिखने का माध्यम | हिन्दी |
उपलब्ध | NRB HINDI App पर उपलब्ध |
श्रेय (साभार) | रीतिका |
उत्तर
डायरी किसी साहित्यकार या व्यक्ति द्वारा लिखित एक ऐसा संग्रह है। जिसमें वह अपने जीवन के अनुभव और अपने जीवन के महत्वपूर्ण दिनों के बारे में बड़ी सच्चाई के साथ लिखता है। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
डायरी का लिखा जाना वाकई में मुश्किल है क्योंकि इसमें सभी घटित घटनाओं को बिल्कुल सही-सही रूप में वर्णित करना होता है। डायरी में लिखित सभी बातें सच्ची होनी चाहिए। इसके अलावा डायरी में लिखे शब्द और अर्थ में उदासीनता कम रहती है। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
मुझे 30 अगस्त 1976 की लिखी गई डायरी सबसे प्रभावी लगी। इसमें लेखक एक सात साल की लड़की का वर्णन करते हैं। वो लड़की सेब बेचती थी। लेखक उस लड़की का वर्णन बड़े भावनात्मक तरीके से करते हैं। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
डायरी के इन अंशो में मलयज का गहरी संवेदना घुली हुई है। यह बात पाठ के शुरू में ही मालूम पड़ जाती है। जब लेखक हरे भरे पेड़ पौधों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करते हैं। लेखक प्रकृति के प्रति गहरी संवेदना और लगाव प्रकट करते हैं। उनका यह लगाव तब भी जाहिर होता है, जब वे खेतों की फसलों की तुलना व्यक्ति से करते हैं। लेखक इतना संवेदनशील व्यक्ति हैं कि जब उनकी चिट्ठी नहीं आती तो वह बहुत दुखी हो जाते हैं। जब भी वह किसी से मिलते हैं तो अपनापन की भावना से मिलते हैं। जब लेखक सेब बेचती हुई लड़की को सेव बेचते हुए देखते हैं तो उन्हे पीड़ा का अनुभव होता है। लेखक डायरी में अपने डर को भी व्यक्त करते हैं।
उत्तर
रस्तुत पंक्ति ‘हँसते हुए मेरा अकेलापन’ डायरी से ली गयी है। इस पंक्ति में लेखक मलयज ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि व्यक्ति यथार्थ में जीता भी है और यथार्थ को रचता भी है। यथार्थ मनुष्य जीवन का एक कटु सत्य है। वास्तविकता से परे (अलग) मनुष्य का जीवन एकाकी एवं व्यर्थ होता है। इस पंक्ति में लेखक ने संकेत दिया है कि उनके बच्चे उनकी रचना है और वे यथार्थ हैं। उनकी चिंता उनके स्वयं की है। लेखक पारिवारिक बोझ के बंधन से बंधे हैं। जबकि उनका परिवार बंधनरहित एवं चिंतामुक्त है। यही जीवन का यथार्थ है। अतः व्यक्ति की रचना एवं उसके जीवन का यथार्थ दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।
उत्तर
प्रस्तुत पंक्ति मलयज द्वारा रचित पाठ ‘हँसते हुए मेरा अकेलेपन’ से लिया गया है लेकिन इस पंक्ति के द्वारा यह कहना चाहते हैं कि मनुष्य का संसार से जुड़ा एक रचनात्मक कार्य है। इसी जुड़ाव के कारण मनुष्य भिन्न भिन्न प्रकार रचनाएँ करता है। इस कर्म के बिना मानवीयता अधूरी है अर्थात मनुष्य संसार से जुड़वा के कारण रचनात्मक कार्य करता है और उसमें मानवीयता का भाव जागृत होता है। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
‘धरती का क्षण’ से लेखक का आशय है कि जिस क्षण शब्द और अर्थ मिलकर रचना का रूप ग्रहण करते है। यह क्रिया धरातल पर ही होती है कही अंतरिक्ष मे नहीं। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
भोगा हुआ यथार्थ एक दिया हुआ यथार्थ है। मनुष्य अपना यथार्थ खुद रहता है और उस रचे हुए यर्थात का एक हिस्सा दूसरे दे देता है। हर आदमी एक संसार को रचता है। वह उसी संसार में जीता है और भोगता है। रचने और भोगने का रिश्ता एक द्वंद्वात्मक रिश्ता है। इंसान वही भोगता है जो वो रचता है। दोनों एक दूसरे को बनाते तथा मिटाते हैं।
उत्तर
लेखक के अनुसार सुरक्षा सूरज की रोशनी में है। सुरक्षा मुश्किलों का डट कर सामना करने, लड़ने में पिसने में और खटने में है। लेखक अपनी डायरी अपनी सभी अनुभवों के रुप में देखना चाहता है। वह चाहता है कि डायरी मे उसके जीवन के सभी अनुभव व्यक्त हो। इसलिए लेखक कभी-कभी वह कविता ने मूड में डायरी लिखता है। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
डायरी के इन अंशो से पता चलता है कि लेखक का ‘मूड’ अपने से संबंधित सजाईयो को उजागर करने का है। वह बडे ही सामान्य मूड मे सभी क्रियाकलापो का वर्णन करता है। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & Ative Q & A
उत्तर
लेखक का कहना है कि एक कलाकार के लिए बहुत जरूरी है कि उसमे ‘आग’ हो अर्थात वह अपने कर्म के प्रति पूर्णत: संवेदनशील हो, चाहे उसका व्यक्तित्व ठंडा ही हो। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
चित्रकारी की किताब मे लेखक ने यह रंग सिद्धांत पढा था कि शोख और भडकीले रंग संवेदनाओ को बडी तेजी से भारते हैं, उन्हें बड़ी तेजी से चरम बिंदु की ओर ले जाते है और उतनी ही तेजी से उन्हें ढाल की ओर खींचते है। Hanste Hue Mera Aakelapan Subjective Q & A
उत्तर
11 जून 78 की डायरी से शब्द और अर्थ के संबंध मे पता चलता है कि शब्द और अर्थ की बीच तटस्थता कम रहती है। जब लेखन किया जाता है तो शब्द अर्थ मे और अर्थ शब्द मे ढलते चले जाते है। शब्द और अर्थ का संगम ही धरती का क्षण होता है।
उत्तर
लेखक रचना और दस्तावेज के फर्क को स्पष्ट करते हुए कहता है कि मैं जो कुछ लिखता हूँ वह सबका सब रचना नही होती। मै जो कुछ भोगता हूँ उन सबमे रचना के बीज नहीं होते। भोगे हुए अनुभव के जो अंश लेखक के साथ चलते है, वही रचना है। शेष सिर्फ दस्तावेज है। लेकिन यह दस्तावेज रचना के लिए जरूरी है, क्योकि दस्तावेज रचना का कच्चा माल है। यही रचना को पैदा करने वाली उपजाऊ मिट्टी है।
उत्तर
लेखक डर को अपने जीवन का केंद्रिय अनुभव बताता है। उसे बुरी बुरी बिमारियो का डर या घर के किसी सदस्य के देर तक वापस न आने से उत्पन्न आशंकाओ का डर सताता रहता है। इस डर की खासियत यह है कि इसके कारण लेखक घंटो तनाव मे गुजार देता है। उसका हृदय बहुत तेज धडकने लगता है और मुख से प्रार्थनाएँ निकलने लगती है। ऐसा उसके मन में आने वाली तरह-तरह की अप्रिय कल्पनाओ के कारण होता है।
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