Tirichh Saransh
आधारित पैटर्न | बिहार बोर्ड, पटना |
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कक्षा | 12 वीं |
संकाय | कला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc) |
विषय | हिन्दी (100 Marks) |
किताब | दिगंत भाग 2 |
प्रकार | सारांश |
अध्याय | गद्य-12 | तिरिछ |
कीमत | नि: शुल्क |
लिखने का माध्यम | हिन्दी |
उपलब्ध | NRB HINDI ऐप पर उपलब्ध |
श्रेय (साभार) | रीतिका |
Batchit Saransh
उदय प्रकाश द्वारा लिखा गया तिरिछ प्रसिद्ध कहानी एक उत्तर आधुनिक त्रासदी है। यह कहानी नई पीढ़ी के बेटे के दृष्टिकोण से बाबूजी के बारे में लिखी गई है। जो सुदूर गाॅंव में रहते हैं। वे शहर जाते हैं और फिर से शहर में उनके साथ जो कुछ घटित होता है, यह कहानी उसी के बारे में है। इस कहानी को “जादुई यथार्थ”
उनकी चुप्पी बहुत गंभीर, गौरवशाली, आश्चर्यजनक और भारी-भरकम लगती थी। छोटी बहन द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब भी लेखक ही दे दिया करते थे ताकि पिताजी को ज्यादा बोलना न पड़े। लेखक और उनकी माॅं की पूरी कोशिश रहती थी कि, पिताजी अपनी दुनिया में सुख चैन से रहें। वह दुनिया उनके लिए बहुत रहस्यपूर्ण थी, पर सभी समस्याओं का हल उनके पिताजी वहीं से करते थे।
लेखक के सपने में तिरिछ आता था। तिरिछ (विषखापर, जहरीला लिजार्ड) जो काले नाग सौ गुणा ज्यादा जहरीला होता है। लेखक कहते हैं, उस दिन पिताजी को जंगल में उस ने तिरिछ काट लिया था। गाॅंव के सभी लोग आंगन में जमा हो गए थे। पास के गाॅंव का चुटुआ नाई आया। वह अरंड के पत्ते और कंडे की राख से जहर उतारता था। तिरिछ तालाब के किनारे जो बड़ी-बड़ी चट्टानों के दरार में रहता था। तिरिछ से नजर मिलाने पर वह पीछा करने लगता है। उससे बचने के लिए लंबी छलांग के साथ टेढ़ा-मेढ़ा दौड़ना चाहिए। तिरिछ गंद का पीछा करते हैं।
पिताजी को गाॅंव बहुत पसंद था, उन्हें शहर जाना पसंद नहीं था। वह बहुत जरूरी होने पर ही शहर जाते थे। पिताजी को गाॅंव के सभी रास्ते मालूम थे लेकिन, शहर के रास्तों को वह भूल जाते थे, वह भटक जाते थे। पिताजी कोर्ट जाने के लिए जब शहर गए तब उनकी तबीयत खराब थी। तबीयत खराब होने के रास्ता याद नहीं होने के कारण वह रास्ता भटक गए। Tirichh Saransh
बहुत सारे जगहों पर बहुत सारे लोगों द्वारा पागल, चोर और शराबी इत्यादि समझा गया उन्हें पत्थरों से मारा गया बहुत यातना उन्हें सहनी पड़ी और अंत में उनकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार उनकी हड्डियों में कई जगह फ्रैक्चर था। दाईं आंख फूट चुकी थी कॉलर बोन टूटा हुआ था उनकी मृत्यु मानसिक सदमा और अधिक रक्तस्राव के कारण हुई थी। किसी जहर के कारण नहीं।
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