उत्तर- किसी देश के वास्तविक निवासी जो अन्य संसाधनों का उपयोग करते हैं और उनकी नीतियों को अपनाते हैं, उसे वास्तविक संसाधन
उत्तर- जनसंख्या घनत्व किसी देश की कुल जनसंख्या और कुल क्षेत्रफल का अनुपात होता है। इसे व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर में व्यक्त किया जाता हैं ।
उत्तर- मनुष्य उन स्थानों पर रहना चाहता है जहाँ का वातावरण उसके अनुकूल हो। जहाँ उसे सारी सुख सुविधाएं प्राप्त हो सके ।
जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले प्राकृतिक कारण निम्नलिखित है :-
i) मृदा– उपजाऊ मृदा क्षेत्र में जनसंख्या अधिक होती है क्योंकि उपजाऊ मिट्टी कृषि के लिए प्रमुख आधार का काम करती हैं।
ii) धरातल– जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने में धरातल का भी प्रमुख योगदान है क्योंकि धरातल की दशाएँ मनुष्य के जीवन यापन पर असर डालती है। जैसे- मैदानी भागों में जनसंख्या अधिक होती है और पहाड़ी भागों में जनसंख्या कम होती हैं।
iii) जलवायु– जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने में जलवायु भी एक प्रमुख कारक है क्योंकि मनुष्य उस क्षेत्र में रहना चाहता है जहां की जलवायु उसके अनुकूल हो ।
जनसंख्या वितरण घनत्व को प्रभावित करने में मानवीय कारण भी प्रमुख कारण है :-
i) कृषि– जनसंख्या को प्रभावित करने में कृषि भी एक कारण है क्योंकि किसी भी देश का विकास कृषि पर निर्भर करता है। विश्व के जिन भी प्रदेशों में कृषि की अधिकता पाई जाती है वहां जनसंख्या की भी अधिकता पाई जाती हैं ।
ii) राजनैतिक– किसी भी क्षेत्र का राजनैतिक वातावरण उस क्षेत्र का जनसंख्या घनत्व या जनसंख्या पर प्रभाव डालता हैं ।
iii) यातायात– यातायात की सुविधाओं का भी जनसंख्या पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि जिस स्थान पर यातायात की सुविधाएं अच्छी होगी, अच्छी सड़क होगी वहां की जनसंख्या घनत्व अधिक मात्रा में होगी ।
उत्तर- किसी क्षेत्र में मनुष्यों की संख्या में वृद्धि को, जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता हैं ।
# किसी क्षेत्र में जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न होने वाली समस्या :-
i) आवास की कमी
ii) संसाधनों का दुरुपयोग
iii) अपराधों में वृद्धि
iv) रोजगार की समस्या
v) भुखमरी ।
उत्तर- जनसंख्या ह्रास का तात्पर्य किसी भी क्षेत्र में मनुष्य की संख्या में कमी ।
# जनसंख्या ह्रास के कारण होने वाली समस्या :-
i) निम्न जन्म दर
ii) जीवनकाल का बढ़ना
iii) सुरक्षा प्रणाली पर दबाव
iv) सामाजिक तनाव में वृद्धि
v) मूल सिद्धांतों का पतन ।
उत्तर- जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक निम्नलिखित हैं :-
i) जन्म दर– बढ़ती हुई जन्म दर से जनसंख्या में परिवर्तन हो सकता है।
ii) मृत्यु दर– घटती हुई मृत्यु दर से भी जनसंख्या में परिवर्तन हो सकता है।
iii) प्रवास– प्रवास का मनुष्य और संसाधन के बीच बेहतर संतुलन प्राप्त करने की दिशा में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से भी जनसंख्या में परिवर्तन हो सकता है।
जन्म दर– प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे जीवित शिशुओं की दर जन्म दर कहलाती है।
मृत्यु दर– प्रति एक हजार व्यक्तियों के पीछे मरे हुए व्यक्तियों के दर को मृत्यु दर कहते हैं।
उत्तर- जनसंख्या का किसी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर रहना प्रवास कहलाता है।
जब लोग एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में जाकर बसते हैं, उसे उत्प्रवास कहते जाता है ।
जब लोग अन्य प्रदेशों से आकर किसी प्रदेश में बसते हैं, उसे अप्रवास कहा जाता है ।
# प्रवास को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं :-
i) प्रतिकर्ष– बेरोजगारी, प्रतिकूल जलवायु, महामारीयाँ
ii) आकर्षक कारक– काम के अच्छे अवसर, रहन-सहन, अनुकूल जलवायु ।
उत्तर- इसका उद्देश्य बच्चों के जन्म में अंतराल रखना है।
इसकी भूमिका है :-
● यह जनसंख्या वृद्धि को सीमित रखती है।
● महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर रहती है।
● गर्भनिरोधक की सुगम उपलब्धता इसमें सहायक है।
● बड़े परिवारों के लिए निरीक्षक उपाय भी सहायक है।
उत्तर- जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का प्रतिपादन नोएस्टिन द्वारा किया गया।
किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्तमान तथा जनसंख्या का भविष्य के पुर्वानुमान के लिए इस सिद्धांत का पालन किया जाता है। जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत के अनुसार समाज, अशिक्षा, खेती आदि से उन्नति कर शिक्षित तथा औद्योगिक अवस्था को प्राप्त करता हैं।
आधारित पैटर्न | बिहार बोर्ड, पटना |
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कक्षा | 12 वीं |
संकाय | कला (I.A.) |
विषय | भूगोल |
किताब-1 | मानव भूगोल के मूल सिद्धांत |
अध्याय-2 | विश्व जनसंख्या (वितरण घनत्व और वृद्धि) |
उपलब्ध | NRB HINDI ऐप पर उपलब्ध |
श्रेय (साभार) | अंशिका वर्मा |
कीमत | नि: शुल्क |
लिखने का माध्यम | हिंदी |
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