अध्याय-3

जनसंख्या संघटन

plug-free-img.png

जनसंख्या संगठन से आप क्या समझते हैं ?

जनसंख्या संगठन/संयोजन से तात्पर्य जनसंख्या की उन विशेषताओं से है जो कि मापने योग्य है । और जो जनसंख्या के एक वर्ग को दूसरे वर्ग से पृथक करने में मदद करते हैं ।
आयु, लिंग, साक्षरता, आवास का स्थान और व्यवसाय जनसंख्या संगठन के मुख्य तत्व है।

महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर

उत्तर- जनसंख्या में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या के बीच के अनुपात को लिंग अनुपात कहा जाता हैं।

उत्तर- जनसंख्या पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है।

उत्तर- जनसंख्या की संरचना मुख्य तीन वर्गों में होती है :-
i) बालक वर्ग
ii) प्रौढ़ वर्ग
iii) वृद्ध वर्ग ।

(i) बालक वर्ग इस वर्ग के अंतर्गत 0 से 14 वर्ष तक के आयु के लोग आते हैं। विकसित देशों में इसकी संख्या 23% होती है। विकासशील देशों में इसकी संख्या 40% तक होती है। यह जनसंख्या दूसरे पर आश्रित होती है। इनके भोजन, वस्त्र, शिक्षा तथा स्वास्थ्य पर अधिक खर्च करना पड़ता हैं ।
(ii) प्रौढ़ वर्ग इस वर्ग के अंतर्गत 15 से 59 वर्ष तक की आयु के लोग आते हैं। आर्थिक दृष्टि से यह वर्ग उत्पादक वर्ग है। जनसंख्या दृष्टि से यह वर्ग सर्वाधिक गतिशील वर्ग है।
(iii) वृद्ध वर्ग इस वर्ग के अंतर्गत 60 से अधिक तक की आयु के लोग आते हैं। यह वर्ग दूसरों पर आश्रित वर्ग होती है। इस वर्ग के कारण सामाजिक तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ होते हैं।

उत्तर- जनसंख्या संगठन के लिए प्रमुख पांच कारक निम्नलिखित हैं :-
i) आयु संरचना 
ii) लिंग संगठन
iii) ग्रामीण नगरीय संगठन
iv) साक्षरता
v) व्यावसायिक संरचना ।

(i) आयु संरचना विभिन्न आयु वर्गो में लोगों की संख्या को जनसंख्या की आयु संरचना कहा जाता हैं ।

इसके तीन प्रकार होते हैं :-
     i) बाल वर्ग
     ii) प्रौढ़ वर्ग
     iii) वृद्ध वर्ग ।
● प्रौढ़ वर्ग की गणना अर्जकों के रूप में की जाती है।
● जबकि बाल वर्ग और वृद्ध वर्ग की गणना पराश्रित वर्ग में की जाती हैं।

(ii) लिंग संघटन दी गई जनसंख्या में लिंग अनुपात पुरुष तथा स्त्रियों के बीच संतुलन का सूचक होता है। यह प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में मापा जाता हैं।

(iii) ग्रामीण नगरीय संगठन ग्रामीण नगरीय संगठन का निर्धारण लोगों के निवास स्थान के आधार पर किया जाता है। ग्राम और नगर दोनों ही जीवन यापन करने के लिए अपनी अपनी जगह सही है। लेकिन सामाजिक पर्यावरण की दृष्टि से एक-दूसरे से अलग होते हैं ।

(iv) साक्षरता साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढ़ने लिखने की क्षमता। वैसे मनुष्य जो अपना नाम लिख और पढ़ सकते हैं उसे साक्षर माना जाता है ।

(v) व्यावसायिक संरचना पारिश्रमिक युक्त व्यवसाय कार्यों से अपने जीविकोपार्जन करने वाली जनसंख्या के स्वरूप को व्यावसायिक संरचना कहते हैं ।

अ) प्राथमिक व्यवसाय- खनन, पशुचारण, मत्स्यपालन, कृषि, शिकार ।
ब) द्वितीयक व्यवसाय- कच्चे माल को तैयार माल में बदलना अर्थात निर्माण उद्योग ।
स) तृतीयक व्यवसाय- परिवहन, संचार, व्यापार, स्वास्थ्य ।
द) चतुर्थक व्यवसाय- चिंतन, शोषण तथा विचारों का विकास ।

Description of Lesson-3 
जनसंख्या संघटन

 

आधारित पैटर्न बिहार बोर्ड, पटना
कक्षा 12 वीं
संकाय कला (I.A.)
विषय भूगोल
किताब-1 मानव भूगोल के मूल सिद्धांत
अध्याय-3 जनसंख्या संघटन
उपलब्ध NRB HINDI ऐप पर उपलब्ध
श्रेय (साभार) अंशिका वर्मा
कीमत नि: शुल्क
लिखने का माध्यम हिंदी
Copyright © 2020 NRB HINDI

Powered by Jolly Lifestyle World

Our main motto is to help the students of Bihar. These notes or PDF are copyrighted & its republication by any means is strictly prohibited. Any Question please Contact Us.

error: Content is protected !!