मानव भूगोल के मूल सिद्धांत
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उत्तर- वृद्धि और विकास दोनों का संबंध समय के अनुसार परिवर्तन से हैं।
अंतर केवल इतना है कि बुद्धि मात्रात्मक है और मूल्य सामान्य।
विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है इसका अर्थ यह हुआ कि विकास तब तक नहीं हो सकता जब तक वर्तमान मात्रा में वृद्धि नहीं होती ।
उदाहरण के लिए, किसी नगर की जनसंख्या एक हजार से दो हजार हो जाती है तो हम कहते हैं नगर की वृद्धि हुई है जबकि अन्य सुविधाएं जैसे (स्वच्छ जल, नियमित बिजली, खराब सड़क इत्यादि) वैसे के वैसे ही हो तब यह वृद्धि विकास से संबंधित नहीं है।
उत्तर- मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन 1990 ई• में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री डॉ. महबूब-उल-हक के द्वारा किया गया। उन्होंने मानव विकास को कुछ इस प्रकार परिभाषित किया है :-
“विकास वो है जो लोगों की इच्छा और उनके जीवन में सुधार लाता है। इस विचारधारा का केंद्र मानव हैं। इच्छाएँ सदैव बढ़ती रहती है। विकास का प्रमुख उद्देश्य है कि मनुष्य एक सार्थक जीवन जी सकें । मानव की कार्यप्रणाली अर्थात काम करने का तरीका तथा काम करने की क्षमता में विकास मानव विकास के अंतर्गत आता हैं।”
इसका अर्थ यह है कि लोग स्वस्थ हों, उन्हें अपनी क्षमता बढ़ाने की योग्यता हो, समाज में सहयोगी बनें तथा अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्वतंत्र हो ।
i) आय उपागम– इसके अंतर्गत मानव विकास के आय के साथ जोड़कर देखा जाता है। आय का स्तर अधिक होने पर मानव विकास का स्तर अधिक होता है।
ii) कल्याण उपागम– इसके अंतर्गत मानव को लाभार्थी (अर्थात लाभ की आशा रखने वाला) विकास के कार्य में लक्ष्य के रूप में देखा जाता है। सामाजिक कल्याण पर अधिक व्यय करने पर मानव विकास के स्तर में वृद्धि होती है।
iii) आधारभूत आवश्यकता उपागम– स्वास्थ्य, शिक्षा, जल, भोजन, आवास तथा स्वच्छता मानव विकास के आधारित उपागम है।
iv) क्षमता उपागम– इसके अंतर्गत मानवों के क्षमताओं को मानव विकास की कुंजी माना गया हैं ।
उत्तर- मानव विकास सूचकांक मानव विकास में प्राप्त योग का मापन करता है। यह प्रदर्शित करता है कि मानव विकास के प्रमुख क्षेत्रों में क्या उपलब्ध हुई हैं ?
उत्तर- मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास सूचकांक से संबंधित है। यह सूचकांक मानव विकास में कमी मापता है। किसी प्रदेश में मानव विकास में कमी दर्शाने के लिए 40 वर्ष की आयु तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता, प्रौढ़ निरक्षरता दर, स्वच्छ जल तक पहुंच न रखने वाले लोगों की संख्या और अल्पभार वाले छोटे बच्चों की संख्या, सभी इसमें गिने जाते हैं ।
उत्तर- उच्च मानव विकास सूचकांक वाले देश वे हैं जिसका स्कोर 0.8 से उपर है। सामाजिक खंड में बहुत निवेश हुआ हैं ।
उत्तर- मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र निम्नलिखित है :-
(i) स्वास्थ्य
(ii) शिक्षा
(iii) संसाधनों तक पहुँच ।
उत्तर- मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम निम्नलिखित हैं :-
(i) न्याय/क्षमता
(ii) सतत पोषणीयता
(iii) उत्पादकता
(iv) सशक्तिकरण
मानव विकास का विचार इन्हीं चारों संकल्पनाओं पर आधारित है।
उत्तर- मानव विकास के बड़े देशों की अपेक्षा छोटे देशों का कार्य बेहतर रहता है। जैसे कि श्रीलंका, टोबैगो इत्यादि का मानव विकास का सूचकांक भारत देश से ऊँचा हैं ।
1) निम्न सूचकांक– इसके अंतर्गत वैसे देश आते हैं जो भौगोलिक रूप से छोटे होते है। जहाँ राजनैतिक संघर्ष एवं आंतरिक संघर्ष समान्य रूप से रहता है। इन देशों में आमतौर पे अकाल, भुखमरी, महामारी इत्यादि फैली रहती है। उसके अंतर्गत कुल 32 देश आते हैं।
2) मध्य सूचकांक– इस वर्ग के अंतर्गत ऐसे देश आते हैं जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ऑस्ट्रेलिया में आए हैं। इसके अंतर्गत कुल 88 देश आते हैं।
3) उच्च सूचकांक– इसके अंतर्गत कुल 57 देश आते हैं। इसके अंतर्गत अमेरिका, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देश आते हैं।
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