उत्तर- जनसंख्या संगठन के लिए प्रमुख पांच कारक निम्नलिखित हैं :-
i) आयु संरचना
ii) लिंग संगठन
iii) ग्रामीण नगरीय संगठन
iv) साक्षरता
v) व्यावसायिक संरचना ।
(i) आयु संरचना– विभिन्न आयु वर्गो में लोगों की संख्या को जनसंख्या की आयु संरचना कहा जाता हैं ।
इसके तीन प्रकार होते हैं :-
i) बाल वर्ग
ii) प्रौढ़ वर्ग
iii) वृद्ध वर्ग ।
● प्रौढ़ वर्ग की गणना अर्जकों के रूप में की जाती है।
● जबकि बाल वर्ग और वृद्ध वर्ग की गणना पराश्रित वर्ग में की जाती हैं।
(ii) लिंग संघटन– दी गई जनसंख्या में लिंग अनुपात पुरुष तथा स्त्रियों के बीच संतुलन का सूचक होता है। यह प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में मापा जाता हैं।
(iii) ग्रामीण नगरीय संगठन– ग्रामीण नगरीय संगठन का निर्धारण लोगों के निवास स्थान के आधार पर किया जाता है। ग्राम और नगर दोनों ही जीवन यापन करने के लिए अपनी अपनी जगह सही है। लेकिन सामाजिक पर्यावरण की दृष्टि से एक-दूसरे से अलग होते हैं ।
(iv) साक्षरता– साक्षरता का अर्थ है साक्षर होना अर्थात पढ़ने लिखने की क्षमता। वैसे मनुष्य जो अपना नाम लिख और पढ़ सकते हैं उसे साक्षर माना जाता है ।
(v) व्यावसायिक संरचना– पारिश्रमिक युक्त व्यवसाय कार्यों से अपने जीविकोपार्जन करने वाली जनसंख्या के स्वरूप को व्यावसायिक संरचना कहते हैं ।
अ) प्राथमिक व्यवसाय- खनन, पशुचारण, मत्स्यपालन, कृषि, शिकार ।
ब) द्वितीयक व्यवसाय- कच्चे माल को तैयार माल में बदलना अर्थात निर्माण उद्योग ।
स) तृतीयक व्यवसाय- परिवहन, संचार, व्यापार, स्वास्थ्य ।
द) चतुर्थक व्यवसाय- चिंतन, शोषण तथा विचारों का विकास ।