दिगंत भाग 2

पद्य-10 | अधिनायक भावार्थ (सारांश) – रघुवीर सहाय | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

विवरण

adhinayak bhavarth (saransh)

आधारित पैटर्नबिहार बोर्ड, पटना
कक्षा12 वीं
संकायकला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc)
विषयहिन्दी (100 Marks)
किताबदिगंत भाग 2
प्रकारभावार्थ (सारांश)
अध्यायपद्य-10 | अधिनायक – रघुवीर सहाय
कीमतनि: शुल्क
लिखने का माध्यमहिन्दी
उपलब्धNRB HINDI ऐप पर उपलब्ध
श्रेय (साभार)रीतिका
पद्य-10 | अधिनायक भावार्थ (सारांश) – रघुवीर सहाय | कक्षा-12 वीं

अधिनायक

adhinayak bhavarth (saransh)

राष्ट्रगीत में भला कौन वह
भारत-भाग्य-विधाता है
फटा सुथन्ना पहने जिसका
गुन हरचरना गाता है ।

व्याख्या

प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के अधिनायक कविता से ली गई है। यह एक व्यंग कविता है। यह कविता कवि रघुवीर सहाय के संग्रह आत्महत्या के विरुद्ध से ली गई है। इन पंक्तियों में कहते हैं की, राष्ट्रगीत में भला कौन वह है, जिसे भारत का भाग्य विधाता बोला गया है। यह कौन है, जिसका गुणगान फटा सुथन्ना पहने हरचरना गाता है अर्थात हर आम आदमी गाता है। हर गरीब आदमी गाता है।  adhinayak bhavarth (saransh)


मखमल टमटम बल्लम तुरही
पगड़ी छत्र चँवर के साथ
तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर
जय-जय कौन कराता है ।

व्याख्या

प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के अधिनायक कविता से ली गई है। यह एक व्यंग कविता है। यह कविता कवि रघुवीर सहाय के संग्रह आत्महत्या के विरुद्ध से ली गई है। इन पंक्तियों में कहते हैं की, पाता नहीं वह कौन अधिनायक है, जो छाता और चँवर से युक्त टमटम पर सवार होकर, मखमल के वस्त्र और पगड़ी पहनकर, बल्लम, तुरही के साथ रहता है। इस लोकतंत्र मे वह कौन है जो तोप छुड़ाकर ढोल बजाकर अपनी जय-जय करता है, अपनी जयकार लगाता है। adhinayak bhavarth (saransh)


पूरब-पश्चिम से आते हैं
नंगे-बूचे नरकंकाल
सिंहासन पर बैठा, उनके
तमगे कौन लगाता है ।

व्याख्या

प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के अधिनायक कविता से ली गई है। यह एक व्यंग कविता है। यह कविता कवि रघुवीर सहाय के संग्रह आत्महत्या के विरुद्ध से ली गई है। इन पंक्तियों में कवि कहते हैं की, पूरब-पश्चिम अर्थात सभी दिशाओ से, राष्ट्रीय त्योहारों पर गरीब जनता नंगे पाॅवो आती है। उन्हे देखकर ऐसा लगता है, जैसे वे नरकंकाल हो। सिंहासन पर बैठाकर उनके (गरीब जनता के) तमगे (मैडल) लगवाने वाला वह कौन है।  adhinayak bhavarth (saransh)

 


कौन-कौन है वह जन-गण-मन-
अधिनायक वह महाबली
डरा हुआ मन बेमन जिसका
बाजा रोज बजाता है ।

व्याख्या

प्रस्तुत पंक्ति हमारे पाठ्यपुस्तक दिगंत भाग 2 के अधिनायक कविता से ली गई है। यह एक व्यंग कविता है। यह कविता कवि रघुवीर सहाय के संग्रह आत्महत्या के विरुद्ध से ली गई है। इन पंक्तियों में कहते हैं की, राष्ट्रीय गान मे वह “जन-गण-मन- अधिनायक” वह महाबली कौन है। जिसका बाजा रोज बजता है। डरी हुई जनता मन-बेमन जिसका गुणगान करती है। वह कौन है।  


सारांश

व्याख्या

अधिनायक कविता रघुवीर सहाय के संग्रह आत्महत्या के विरुद्ध से ली गई है। यह एक व्यंग्यात्मक कविता है। जिसमें कवि कहते हैं की, राष्ट्रगात में भला कौन वह है, जिसे भारत का भाग्य विधाता बोला गया है। यह कौन है, जिसका गुणगान फटा सुथन्ना पहने हरचरना गाता है। अर्थात हर आम आदमी गाता है, हर गरीब आदमी गाता है।

पाता नहीं वह कौन अधिनायक है, जो छाता और चँवर से युक्त टमटम पर सवार होकर, मखमल के वस्त्र और पगड़ी पहनकर, बल्लम, तुरही के साथ आता है। इस लोकतंत्र मे वह कौन है, जो तोप छुड़ाकर (तोपों की सलामी लेता है), ढोल बजाकर अपनी जय-जय करता है, अपनी जयकार लगवाता है।

वह कौन है। जिसके लिए पूरब-पश्चिम अर्थात सभी दिशाओ से, राष्ट्रीय त्योहारों पर गरीब जनता नंगे पाॅवो आती है। उन्हे देखकर ऐसा लगता है, जैसे वे नरकंकाल हो। सिंहासन पर बैठाकर उनके (गरीब जनता के) तमगे (मैडल) लगवाने वाला वह कौन है। राष्ट्रीय गान मे वह “जन-गण-मन- अधिनायक” वह महाबली कौन है। जिसका बाजा रोज बजता है। डरी हुई जनता मन-बेमन जिसका गुणगान करती है। वह कौन है। adhinayak bhavarth (saransh)


Quick Link

Chapter Pdf
यह अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन जल्द ही इसे publish किया जाएगा । बीच-बीच में वेबसाइट चेक करते रहें।
मुफ़्त
Online Test
यह अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन जल्द ही इसे publish किया जाएगा । बीच-बीच में वेबसाइट चेक करते रहें।
मुफ़्त
सारांश का पीडीएफ़
यह अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन जल्द ही इसे publish किया जाएगा । बीच-बीच में वेबसाइट चेक करते रहें।
मुफ़्त

हिन्दी 100 मार्क्स सारांश

You may like this

पद्य-6 | तुमुल कोलाहल कलह में भावार्थ (सारांश) – जयशंकर प्रसाद | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कविता “तुमुल कोलाहल कलह में” महाकाव्य “कामायनी” का अंश है। इसमें जो नायक और नायिका है। वह हमारी भावनाओं और को …
Continue Reading…

पद्य-8 | उषा (प्रश्न-उत्तर) – शमशेर बहादुर सिंह | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

उषा का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. प्रातः काल का नभ कैसा था? उत्तर- प्रातः काल का नभ नीला शंख के जैसा था। ओस की बूंदों से गीला आकाश …
Continue Reading…

गद्य-7 | ओ सदानीरा (सारांश) – जगदीशचंद्र माथुर | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

इस निबंध में गंडक नदी की महानता चंचलता, उस के शौर्य तथा संपूर्ण इतिहास के बारे में बताया गया है। गंडक नदी के चंचलता के …
Continue Reading…

गद्य-6 | एक लेख और एक पत्र (सारांश) – भगत सिंह | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

“एक लेख और एक पत्र” में “भगत सिंह” द्वारा लिखा गया है। इस पाठ में “भगत सिंह” द्वारा लिखा गया लेख “विद्यार्थी और राजनीति” तथा …
Continue Reading…

पद्य-9 | जन-जन का चेहरा एक (प्रश्न-उत्तर) – गजानन माधव मुक्तिबोध | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

जन जन का चेहरा एक का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. जन जन का चेहरा एक से कवि का क्या तात्पर्य है ? उत्तर- जन जन का चेहरा एक से कवि का तात्पर्य उन लोगों …
Continue Reading…

गद्य-2 | उसने कहा था सारांश – चंद्रधर शर्मा गुलेरी | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

“उसने कहा था” कहानी शीर्षक के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी हैं। यह कहानी पाँच भागों में बटी हुई है। यह कहानी अमृतसर के भीड़ …
Continue Reading…

admin

Recent Posts

पद्य-13 | गाँव का घर (प्रश्न-उत्तर) – ज्ञानेंद्रपति | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

गाँव का घर का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. कवि की स्मृति…

1 year ago

पद्य-12 | हार-जीत (प्रश्न-उत्तर) – अशोक वाजपेयी | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

हार-जीत का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. उत्सव कौन और क्यों मना…

1 year ago

पद्य-11 | प्यारे नन्हें बेटे को (प्रश्न-उत्तर) – विनोद कुमार शुक्ल | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

प्यारे नन्हें बेटे को का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. 'बिटिया' से…

2 years ago

पद्य-10 | अधिनायक (प्रश्न-उत्तर) – रघुवीर सहाय | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

अधिनायक का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. हरचरना कोण है? उसकी क्या पहचान है? उत्तर- हरचरना भारत…

2 years ago

पद्य-9 | जन-जन का चेहरा एक (प्रश्न-उत्तर) – गजानन माधव मुक्तिबोध | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

जन जन का चेहरा एक का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. जन जन का चेहरा एक से कवि का क्या तात्पर्य है ?…

2 years ago

पद्य-8 | उषा (प्रश्न-उत्तर) – शमशेर बहादुर सिंह | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

उषा का प्रश्न-उत्तर पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें। Q1. प्रातः काल का नभ कैसा था? उत्तर- प्रातः काल का…

2 years ago