Bihar Board

kavitt bhavarth (saransh)

पद्य-5 | कवित्त भावार्थ (सारांश) – भूषण | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

भूषण जी ने अपने इस कवित्त में अपने प्रिय नायकों के बारे में लिखा है। भूषण जी, शिवाजी महाराज के शौर्य एवं शक्ति की प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि, जैसे इंद्र का राज यमराज पर है। राम का राज रावण पर है। शिव का राज रति के पति पर है। परशुराम का राज सहस्रबाहु पर है। कृष्ण का राज कंस पर है। उजाले का राज अंधेरे पर है। उसी प्रकार वीर शिवाजी का राज इन तुच्छ मलेच्छो पर है।

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chhppya bhavarth (saransh)

पद्य-4 | छप्पय भावार्थ (सारांश) – नाभादास | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

नाभादास द्वारा लिखा गया यह छप्पर भक्तमाला से संकलित है। नाभादास ने अपने इस छप्पर में कबीर और सूरदास के व्यक्तित्व गुण और उनके कविताओं के सौंदर्य एवं प्रभावों के बारे में लिखा है। नाभादास जी, कबीर जी के बारे में कहते हैं कि, कबीर जी ने ह्रदय की भक्ति को धर्म माना है और योग्य, यज्ञ, व्रत, दान और भजन आदि को तुच्छ दिखाया है।

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tulsidas ke pad bhavarth

पद्य-3 | पद भावार्थ (सारांश) – तुलसीदास | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

तुलसीदास जी का यह पद विनय पत्रिका से संकलित है। वे इस पद में माता सीता से याचना करते हैं, कि हे जगत जननी माँ सीता, आपको कभी समय मिले तो आप श्री राम को मेरी याद दिला दीजिएगा। हे माता जब प्रभु की इच्छा यह जानने की हो की, उनका यह दास है कौन? तब आप मेरा नाम और मेरी दशा उन्हे बता दीजिएगा।

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Pad bhavarth (saransh)

पद्य-2 | पद भावार्थ (सारांश) – सूरदास | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

यह पद सूरदास के विश्वप्रसिद्ध कृति सुरसागर से संकलित हैं। कवि इस पहले पद खण्ड में माता यशोदा द्वारा सोये हुए बाल श्री कृष्ण को उठाए जाने का वर्णन है। माता यशोदा कृष्ण से कहती हैं, जागिए ब्रजराज कुँवर अब कमल के फूल खिल गए हैं।

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kadbak bhavarth (saransh)

पद्य-1 | कड़बक भावार्थ (सारांश) – मलिक मुहम्मद जायसी | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

कड़बक पद्मावत महाकाव्य से संकलित हैं। जिसके कवि मलिक मुहम्मद जायसी जी है। मुहम्मद जायसी ने इस कविता में जो सुनाया है। इसे वही समझा पाया है और गाया है, जिसने प्रेम की पीड़ा को सुना और समझा है। प्रेम को रक्त कि लेई (गोंद) लगाकर जोड़ा गया है, इसकी गहरी प्रीति को आँसुओं से भिगोया गया है। मन में यह जान कर इस कविता की रचना की गई है, कि जगत में मेरी यही निशानी बची रह जाएगी।

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मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

अध्याय-7 | तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप | कक्षा-12 वीं

अध्याय-7 तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर 1. तृतीयक क्रियाकलाप किसे कहते हैं ? उत्तर- तृतीयक क्रियाकलाप सेवा सेक्टर को कहते हैं। इसके अंतर्गत व्यापार, यातायात, संचार, शिक्षा, न्याय, स्वास्थ्य आदि आते हैं। इस व्यवसाय में लगे हुए लोग प्रत्यक्ष रूप से किसी वस्तु का उत्पादन नहीं करते हैं, बल्कि अपनी कार्यकुशलता

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मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

अध्याय-6 | द्वितीयक क्रियाएँ | कक्षा-12 वीं

अध्याय-6 द्वितीयक क्रियाएँ उत्खनन एवं वस्तुओं का विनिर्माण द्वितीयक क्रियाएँ हैं । महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर 1. विनिर्माण क्या हैं ? उत्तर- मशीनों, औजारों, और श्रम का उपयोग करके सामान बनाने की क्रिया को विनिर्माण कहते हैं | 2. यंत्रीकरण क्या हैं ? उत्तर- किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए मशीनों का प्रयोग

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मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

अध्याय-5 | प्राथमिक क्रियाएँ | कक्षा-12 वीं

अध्याय-5 प्राथमिक क्रियाएँ आर्थिक क्रिया क्या है? मानव के वो कार्यकलाप जिनसे आय प्राप्त होती है, उसे आर्थिक क्रिया कहते हैं ।आर्थिक क्रियाओं को मुख्यतः चार वर्गों में विभाजित किया गया है :- प्राथमिक क्रियाएँ द्वितीयक क्रियाएँ तृतीयक क्रियाएँ चतुर्थ क्रियाएँ । इस पाठ में हम प्राथमिक क्रियाएँ के बारे में पढेंगे । महत्वपूर्ण प्रश्न

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मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

अध्याय-4 | मानव विकास | कक्षा-12 वीं

अध्याय-4 मानव विकास महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर 1. वृद्धि और विकास में क्या अंतर हैं ? उत्तर- वृद्धि और विकास दोनों का संबंध समय के अनुसार परिवर्तन से हैं।  अंतर केवल इतना है कि बुद्धि मात्रात्मक है और मूल्य सामान्य।  विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है इसका अर्थ यह हुआ कि विकास तब तक

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मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

अध्याय-3 | जनसंख्या संघटन | कक्षा-12 वीं

अध्याय-3 जनसंख्या संघटन जनसंख्या संगठन से आप क्या समझते हैं ? जनसंख्या संगठन/संयोजन से तात्पर्य जनसंख्या की उन विशेषताओं से है जो कि मापने योग्य है । और जो जनसंख्या के एक वर्ग को दूसरे वर्ग से पृथक करने में मदद करते हैं ।आयु, लिंग, साक्षरता, आवास का स्थान और व्यवसाय जनसंख्या संगठन के मुख्य

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