दिगंत भाग 2

गद्य-3 | संपूर्ण क्रांति सारांश – जयप्रकाश नारायण | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

विवरण

sampurn kranti saransh

आधारित पैटर्नबिहार बोर्ड, पटना
कक्षा12 वीं
संकायकला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc)
विषयहिन्दी (100 Marks)
किताबदिगंत भाग 2
प्रकारसारांश
अध्यायगद्य-3 | संपूर्ण क्रांति – जयप्रकाश नारायण
कीमतनि: शुल्क
लिखने का माध्यमहिन्दी
उपलब्धNRB HINDI ऐप पर उपलब्ध
श्रेय (साभार)रीतिका
गद्य-3 | संपूर्ण क्रांति (सारांश) – जयप्रकाश नारायण | कक्षा-12 वीं

सारांश

Batchit Saransh

छात्र आंदोलन के दौरान “संपूर्ण क्रांति का नारा” “जयप्रकाश नारायण” द्वारा दिया गया था। 5 जून 1974 के पटना के गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण द्वारा दिया गया “संपूर्ण क्रांति” एक ऐतिहासिक भाषण का रूप है। जिसका एक अंश यहां प्रस्तुत है। संपूर्ण भाषण “स्वतंत्र पुस्तिका”

के रूप में जन्म मुक्ति पटना से प्रकाशित है। “छात्र आंदोलन” का नेतृत्व जयप्रकाश नारायण कर रहे थे। वह “लोकनायक” नाम से प्रसिद्ध है। sampurn kranti saransh

छात्र आंदोलन सिर्फ छात्र के लिए आंदोलन नहीं था। यह संपूर्ण क्रांति थी। जो देश में हर जगह हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाली क्रांति थी। छात्रों के आंदोलन पर, जब जयप्रकाश नारायण ने “यूथ फॉर डेमोक्रेसी” का लोकतंत्र में युवाओं का क्या रोल है। यह बताया तब उन्होंने कहा कि, हम बूढ़े हो गए हैं, देश का भविष्य तो युवा है। लोकनायक सिर्फ नाम के लिए नेता नहीं बनना चाहते थे। जो सामने खड़े होकर किसी और की भाषा बोले किसी और के दिखाए गए राह पर चलें।

1924 में “लेनिन” मरे थे, और 1924 में जयप्रकाश नारायण मर्क्सवादी बने थे; किंतु उन्होंने अपने भाषण में यह कहा है, “मैंने जो लेनिन से सीखा था। वह यह सीखा था कि जो गुलाम देश है वहाँ के जो कम्युनिस्ट है उनको हरगिज़ वहाँ की आजादी की लड़ाई से अपने को अलग नहीं रखना चाहिए।”

sampurn kranti saransh

छात्र आंदोलन का मकसद यह था कि, वह आजाद हिंदुस्तान से भ्रष्टाचार को दूर करें। भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाऐ करप्शन को रोके। नेताओं द्वारा तथा अन्य राजनीतिक दलों द्वारा हो रहे शोषण के विरुद्ध जनता की आवाज बने जनता को समझाएं कि, यह लोकतंत्र है यहाँ जनता का शासन है, राजनीतिक दलों का नहीं। जो अपने कार्य को सही से ना करें, उन्हें इस्तीफा देने पर मजबूर किया करे, और यह एक अहिंसक रूप में कार्य करें। sampurn kranti saransh

छात्र आंदोलन एक निर्दलीय व्यवस्था होगी, जो लोगों के लिए हो जनता के लिए हो। उसका काम केवल शासन से संघर्ष करना हीं नहीं है, बल्कि उसका काम समाज के हर एक अन्याय और अनीति के विरुद्ध संघर्ष करने का होगा। गाँव में छोटे अवसरों या कर्मचारियों की, चाहे वे पुलिस के हो या अन्य किसी प्रकार के जो घूसखोरी चलाती है। उनके खिलाफ संघर्ष होगा उनका विरुद्ध भी यह समिति करें।

गाँव में तरह-तरह के अन्याय होते हैं। इन सभी अन्याय को इन समितियों द्वारा रोका जाएगा। इस प्रकार से जनता की या छात्र की ये निर्दलीय संघर्ष समिति स्थाई रूप से कायम रहेगी और केवल लोकतंत्र के लिए ही नहीं बल्कि समाजिक, आर्थिक, नैतिक क्रांति के लिए अथवा संपूर्ण क्रांति के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करेगी। sampurn kranti saransh


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