O Sadanira subjective Q and A

गद्य-7 | ओ सदानीरा (प्रश्न-उत्तर) – जगदीशचंद्र | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

विवरण 

O Sadanira subjective Q and A

आधारित पैटर्नबिहार बोर्ड, पटना
कक्षा12 वीं
संकायकला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc)
विषयहिन्दी (100 Marks)
किताबदिगंत भाग-2
प्रकारप्रश्न-उत्तर
अध्यायगद्य-7 | ओ सदानीरा – जगदीशचंद्र माथुर
कीमतनि: शुल्क
लिखने का माध्यमहिन्दी
उपलब्धNRB HINDI ऐप पर उपलब्ध
श्रेय (साभार)रीतिका
गद्य-7 | ओ सदानीरा (प्रश्न-उत्तर) – जगदीशचंद्र | कक्षा-12 वीं
चंपारन क्षेत्र में बाढ़ की प्रचंडता के बढ़ने के क्या कारण हैं ?

उत्तर

चंपारन क्षेत्र में बाढ़ की प्रचंडता के बढ़ने का कारण वनों की कटाई और गंडक नदी की चंचलता है। चंपारण क्षेत्र में पहल बहुत घना जंगल हुआ करता था, जो बाढ़ की पानी को रोकता था। धीरे-धीरे जंगल की कटाई होने के बाद वो महावन समतल हो गया । बाढ़ के पानी के बहाव में कोई अब रुकावट नही आती थी और वहाँ बाढ़ प्रचंड रूप में आने लगा।


इतिहास की कीनियाई प्रक्रिया का क्या आशय है ?

उत्तर

इतिहास की कीनियाई प्रक्रिया का आशय इतिहास की उन रासायनिक प्रक्रियाओ सेहै जिसे बदल नहीं

जा सकता। लेखक के अनुसार नेपाल और मिथिला की विजय यात्रा पर आयें प्रथम राजा नान्यदेव, चालुक्य नृपति, विक्रमादित्य के सेनापति यही बस गए । नान्यदेव ने यहाँ कर्नाट वंश का नींव डाला । अंग्रेज ठेकेदार, पश्चिमी भारत के जमींदार, पूर्वी बंगाल, दक्षिणी बिहार के विभिन्न वर्ग के लोग यहाँ आकर बस गए। कर्नाट वंश के राजा हरिसिंहदेव को मुसलमान आक्रमणकारी गयासुद्दीन तुगलक का मुकाबला करना पड़ा था। उसी समय वहाँ के जंगलों को भी क्षति पहुँचाई गई थी। आक्रमणकारियो द्वारा जंगलो को काटा गया।


धौगढ़ शब्द का क्या अर्थ है ?

उत्तर

ओरांव भाषा में धाँगड़ शब्द का अर्थ होता है ‘भाड़े का मजदुर‘ ये लोग दक्षिण बिहार के छोटा नागपुर पठार के आदिवासी है। इन लोगो को नील की खेती करवाने के लिए 18वी शताब्दी के अंत तक यहाँ लाया गया था।

O Sadanira subjective Q and A


थारुओं की कला का परिचय पाठ के आधार पर दें ।

उत्तर

थारुओं के लिए कला उनका महत्वपूर्ण अंग है। उनकी कला सराहने के योग्य है। वे अपने घरो में धान रखने के लिए कई तरह के रंगों वाली सींक से टोकरी (पात्र) बनाते थे। झोंपड़ी में प्रकाश के लिए जो दीपक थे, उसमे भी उनकी कला नजर आती थी, शिकारी और किसान के काम आने वाले जो पदार्थ मूँज से बनाये जाते थे, उनमें भी उनकी बहुत ही सुन्दर कला दिखती थी। इन सब कलाओं के अतिरिक्त सबसे मनोहर कला थी, ‘नववधु का अनोखा कर्तव्य’। उन लोगो में ऐसा रिवाज था कि हर पत्नी दोपहर का खाना लेकर पति के पास खेत में जाती है। वधु जब ये काम पहली बार करती है तो माथे के उपर पीढ़ा पर रखे सींक से बनी टोकरी में खाना लेकर उसे दोनों हाथो से सम्भालते हुए धीरे धीरे कदमो के साथ खेतो में जाती है। यह दृश्य बहुत ही सुहावन होता है।


अंग्रेज नीलहे किसानों पर क्या अत्याचार करते थे ?

उत्तर

नील की खेती के लिए किसानो पर अंग्रेजो ने बहुत अत्याचार किये है। वे किसानो से जबरदस्ती नील की खेती करवाते थे। किसानो को ऐसा कहा गया था कि हर 20 कट्ठा जमीन में 3 कट्ठा नील की खेती करना है। किसानो के घर में शादी विवाह या कोई ख़ुशी का माहौल होता था तो साहब के यहाँ नजराना भेजना पड़ता था। साहब बीमार पड़ते थे तो उनके इलाज के लिए पैसे किसानो से वसूले जाते थे। ये सब अत्याचार किया करते थे अंग्रेजो ने किसानो पर ।


गंगा पर पुल बनाने में अंग्रेजों ने क्यों दिलचस्पी नहीं ली ?

उत्तर

अंग्रेजो के खिलाफ दक्षिण बिहार में क्रन्तिकारी विचार फ़ैल गए थे । अंग्रेजो के साथ वहाँ बगावत की स्थिति उत्पन हो गई थी। अगर ये क्रन्तिकारी विचार एवं बगावत अन्य जगहों पर फ़ैल जाता तो अंग्रेजो का बहुत भरी नुकसान होता। अंग्रेज नही चाहते थे कि ये क्रन्तिकारी विचार अन्य जगहों पर फैले, इसलिए वे गंगा पर पुल बनाने में दिलचस्पी नही ले रहे ।


चंपारन में शिक्षा की व्यवस्था के लिए गांधीजी ने क्या किया ?

उत्तर

गांधीजी के विचार से आर्थिक समस्याओं को दूर करने का एकमात्र उपाय है ‘शिक्षा’ । गांधीजी ने चंपारण में शिक्षा के लिए वहाँ के तीन गाँव बड़हरवा, मधुबन, भितिहरवा में आश्रम विद्यालय की स्थापना की। उन विद्यालयों की शिक्षा और संचालन जिम्मेदारी विदेशो से शिक्षाप्राप्त शिक्षक को दी। O Sadanira subjective Q and A


गाँधीजी के शिक्षा संबंधी आदर्श क्या है ?

उत्तर

गांधीजी के शिक्षा का मुख्य मकसद था कि बच्चो में संस्कार एवं उत्तम चरित्र हो। अक्षरज्ञान तो इस उद्देश्य की प्राप्ति का एक साधन मात्र है। वर्तमान शिक्षा पद्धति जो है वो, छोटे बच्चो के चरित्र और बुद्धि का विकास करने के बजाय उन्हें बौना बना देती है। गांधीजी ने कहा कि जी बच्चे जीविका के लिए नये साधन सीखना चाहते है उनके लिए औद्योगिक शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। गांधीजी का यह भी विचार था कि जो ज्ञान वे स्कूल में प्राप्त करेंगे उसका उपयोग खेती और ग्रामीण जीवन में करेंगे। O Sadanira subjective Q and A


पुंडलीक जी कौन थे ?

उत्तर

पुंडलीक जी एक शिक्षक थे। ये गांधीजी के आदर्शों को सच्चे दिल से मानने वाले बड़े ही निर्भय पुरुष थे। जिन्हें गाँधीजी ने 1917 में बेलगाँव से भितिहरवा बुलाया था। पुंडलीक जी को गांधीजी ने इसलिए बुलाया था ताकि वो आश्रम में रहकर बच्चो को शिक्षा दे और साथ ही साथ ग्रामवासियों के दिल से अंग्रेजो के प्रति भय को दूर करे । O Sadanira subjective Q and A


गांधीजी के चंपारन आंदोलन की किन दो सीखों का उल्लेख लेखक ने किया है। इन सीखों को आज आप कितना उपयोगी मानते हैं ?

उत्तर

गांधीजी के चंपारण आन्दोलन के दो मुख्य सीख है ‘निर्भीकता’ और ईमानदारी। गांधीजी ने निर्भीक होने की शिक्षा पुंडलीक जी को दी और पुंडलीक जी ने वो शिक्षा पुरे गांववालों को दी। गांधीजी में सबसे बड़ी विशेषता ईमानदारी थी ‘सत्यता को तोलना‘ । अर्थात वो आन्दोलन के समय किसी भी खबर के बारे में सुनते थे तो पहले उसे अच्छे तरीके से अपने अनुसार जांच-पड़ताल कर लेते थे, उसके बाद कुछ लिखते थे या बोलते थे ।

O Sadanira subjective Q and A


अर्थ स्पष्ट कीजिए-
(क) वसुंधरा भोगी मानव और धर्मांधमानव- एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्ति विद्वान लेखक जगदीशचंद्र माथुर द्वारा रचित निबंध ‘ओ सदानीरा’ से लिया गया है। लेखक इस पंक्ति के माध्यम से यह बताना चाहते हैं कि पृथ्वी पर सुख भोगने वाला मानव और धर्म का अंधे की तरह अनुकरण करने का भाव रखने वाला मानव जिस प्रकार विशाल जंगलो को काट दिया उसी प्रकार मूर्तियों को भी नष्ट कर दिया। साथ ही साथ कई धर्म स्थलों को तोडा अर्थात मानव को जिससे सुख मिलता है वो उसी को नष्ट कर रहा है। O Sadanira subjective Q and A


(ख) कैसी है चंपारन को यह भूमि ? मानो विस्मृति के हाथों अपनी बड़ी से बड़ी निधियों को सौंपने के लिए प्रस्तुत रहती है।

उत्तर

प्रस्तुत पंक्ति जगदीशचंद्र माथुर द्वारा रचित निबंध ‘ओ सदानीरा‘ से लिया गया है। लेखक इस पंक्ति के माध्यम से चंपारण की भूमि का गुणगान किया, उन्होंने कहा कि यह भूमि महान है। यहाँ अनेक बाहरी व्यक्ति आये एवं कई आक्रमणकारी भी आये। उन्होंने या तो इस पावन भूमि को क्षति पहुंचाया या आकर बस गये। किन्तु धन्य है इस भूमि की सहनशीलता एवं उदारता जो इतने अत्याचार होते हुए भी सबको भला दिया और क्षमा कर दिया।


लेखक ने पाठ में विभिन्न जाति के लोगों के विभिन्न स्थानों से आकर चंपारन और उसके आसपास बसने का जिक्र किया है वे कहाँ-कहाँ से और किसलिए वहाँ आकर बसे ?

उत्तर

लेखक ने बताया कि विजय यात्रा पर आये नान्यदेव, चालुक्य नृपति, विक्रमादित्य के सेनापति चंपारण की भूमि पर आये और यही बस गए। नान्यदेव यहाँ कर्नाट वंश स्थापित किये। अंग्रेज ठेकेदार, पश्चिमी भारत के जमींदार, पूर्वी बंगाल, दक्षिणी बिहार के विभिन्न वर्ग के लोग यहाँ आकर बस गए । अंग्रेजो का मकसद था नील की खेती से मुनाफा कमाना और ये किसानो से खेती जबरदस्ती करवाते थे। खेती करने के लिए धाँगड़ और थारुओं को भी बुलाया गया था । O Sadanira subjective Q and A


नीलहे गोरों और गाँधीजी से जुड़े प्रसंगों को अपने शब्दों में लिखिए ।

उत्तर

निलहे गोरो ने जब किसानो पर अत्याचार किया करते थे। तब एक किसान के बुलाने पर आतंक और बेबसी के उस आलम में गांधीजी का आगमन हुआ। गांधीजी ने चंपारण की प्रजा को भय और अत्याचार से बचाने का प्रयत्न किया और वहाँ के बच्चों के लिए शिक्षा व्यवस्था शुरु की। पुंडलिक जी ने भी निर्भीकता गांधीजी से ही सीखी थी । पहले एक कायदा था कि साहब जब आयें तो घर के मालिक उसके घोड़े की लगाम पकड़े। एक दिन एमन साहब (बड़ा ही अत्याचारी था) आये तो पुंडलीक जी ने कहा, “नही, उसे आना है तो मेरी कक्षा में आये, मै लगाम पकड़ने नही जाऊँगा।” यही निर्भीकता चंपारण आन्दोलन की सबसे बड़ी देन है । O Sadanira subjective Q and A


चौर और मन किसे कहते हैं ? वे कैसे बने और उनमें क्या अंतर है ?

उत्तर

जब चम्पारण में बाढ़ आती थी। तो उपजाऊ मिट्टी छूट जाते थे क्योकि नदी अपना पूर्व रास्ता बदल देती है, तो इस प्रकार उनकी बनावट पर उन्हें चौर और मन कहा गया है। चौर उसे कहा गया है जिनमे पानी जाड़े या गर्मी में कम हो जाता है और इसमें खेती आसानी से होती है। मन गहरे और विशाल ताल होते है। इसमें आसानी से खेती नही हो पाती है। O Sadanira subjective Q and A


कपिलवस्तु से मगध के जंगलों तक की यात्रा बुद्ध ने किस मार्ग से की थी ?

उत्तर

कपिलवस्तु से मगध के जंगलो तक की यात्रा बुद्ध ने गंड नदी के किनारे की थी। O Sadanira subjective Q and A


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