दिगंत भाग 2

Roj Saransh

गद्य-5 | रोज सारांश – सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन (अज्ञेय) | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

“रोज” कहानी “सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय” द्वारा लिखी गई है। इस कहानी में लेखक 4 साल बाद मालती से मिलने गए है। मालती उनकी दूर के रिश्ते की बहन है, लेकिन वह एक दोस्त की तरह रहते थे, उनकी पढ़ाई एक साथ हुई थी। जब लेखक मालती से मिले थे, तो वह एक लड़की थी, और अब वह एक विवाहित है, जो एक बच्चे की माँ भी है।

Ardhnarishwar Saransh

गद्य-4 | अर्धनारीश्वर सारांश – रामधारी सिंह दिनकर जी | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

अर्धनारीश्वर निबंध रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा लिखा गया है। अर्धनारीश्वर पाठ में स्त्री और पुरुष के गुणों को बताया गया है, तथा समाज द्वारा इन में किए जाने वाले भेदभाव को भी समझाया गया है। “अर्धनारीश्वर” शिव और पार्वती का कल्पित रूप है। जिसका आधा अंग पुरुष और आधा अंग नारी का होता है। इसके माध्यम से लेखक हमें यह समझाना चाहते हैं कि, नारी पुरुष से कम नहीं है और पुरुष में भी नारीत्व का गुण होता है।

sampurn kranti saransh

गद्य-3 | संपूर्ण क्रांति सारांश – जयप्रकाश नारायण | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

छात्र आंदोलन के दौरान “संपूर्ण क्रांति का नारा” “जयप्रकाश नारायण” द्वारा दिया गया था। 5 जून 1974 के पटना के गांधी मैदान में जयप्रकाश नारायण द्वारा दिया गया “संपूर्ण क्रांति” एक ऐतिहासिक भाषण का रूप है।

usne kaha tha saransh

गद्य-2 | उसने कहा था सारांश – चंद्रधर शर्मा गुलेरी | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

“उसने कहा था” कहानी शीर्षक के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी हैं। यह कहानी पाँच भागों में बटी हुई है। यह कहानी अमृतसर के भीड़ भरे बाजार में, 12 वर्ष का लड़का (लहनासिंह), 8 वर्ष की लड़की को तांगे के नीचे आने से बचाता है, यहीं से यह कहानी शुरू होती है।

Batchit Saransh

गद्य-1 | बातचीत सारांश – बालकृष्ण भट्ट | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित बातचीत निबंध में वाक् शक्ति के महत्व को बताया गया है। लेखक बालकृष्ण भट्ट बताते हैं कि अगर वाक् शक्ति मनुष्य में ना होती तो सारी सृष्टि गूंगी सी होती। वाक् शक्ति के बिना हम अपनी भावनाओं को ना किसी के सामने प्रकट कर पाते और ना ही उनके भावनाओं को जान पाते। इसके अभाव में हम अपने सुख-दुख का अनुभव दूसरी इंद्रियों द्वारा करते हैं। इस वाक् शक्ति के अनेक फायदों में स्पीच और बातचीत दोनों हैं, लेकिन स्पीच से बातचीत का ढंग निराला बताया गया है। स्पीच का उद्देश्य सुनने वालों के मन में जोश और उत्साह पैदा कर देना है, पर घरेलू बातचीत मन रमने या दिल जीतने का ढंग है।

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