विवरण
Batchit Saransh
आधारित पैटर्न | बिहार बोर्ड, पटना |
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कक्षा | 12 वीं |
संकाय | कला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc) |
विषय | हिन्दी (100 Marks) |
किताब | दिगंत भाग 2 |
प्रकार | सारांश |
अध्याय | गद्य-1 | बातचीत – बालकृष्ण भट्ट |
कीमत | नि: शुल्क |
लिखने का माध्यम | हिन्दी |
उपलब्ध | NRB HINDI ऐप पर उपलब्ध |
श्रेय (साभार) | रीतिका |
सारांश
Batchit Saransh
बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित बातचीत निबंध में वाक् शक्ति के महत्व को बताया गया है। लेखक बालकृष्ण भट्ट बताते हैं कि अगर वाक् शक्ति मनुष्य में ना होती तो सारी सृष्टि गूंगी सी होती। वाक् शक्ति के बिना हम अपनी भावनाओं को ना किसी के सामने प्रकट कर पाते और ना ही उनके भावनाओं को जान पाते। इसके अभाव में हम अपने सुख-दुख का अनुभव दूसरी इंद्रियों
Batchit Saransh
बेन जॉनसन का कहना है कि, बोलने से मनुष्य के रूप का साक्षात्कार होता है। यह बहुत उचित जान पड़ता है, अर्थात जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण और दोष प्रकट नहीं होता है। एडिशन का मत है, असली बात सिर्फ दो व्यक्तियों के बीच हो सकती है । तीन-चार लोगों के बीच की बातचीत “फॉर्मेलिटी” , गौरव और संजीदगी के लक्ष्य से शनि होती है। Batchit Saransh
यूरोप के लोगों में बात करने का हुनर बहुत अच्छा है। जिसे आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन कहते हैं। वे इतने चतुराई से बात करते हैं कि सुनने वाले उनसे प्रभावित होते हैं। सुह्रय गोष्टी इसी का नाम है।
हम बातचीत के द्वारा किसी के हृदय को जीत सकते हैं तथा किसी पर अपना प्रभाव डाल सकते हैं। बातचीत के द्वारा हम किसी के क्रोधाग्नि को शांत कर सकते हैं। कहा जाता है कि, हमारी जीवा कैची की समान चलती है। अगर हम इसका सही उपयोग करे तो बातचीत द्वारा सारी दुनिया के साथ-साथ हम अपने अजय शत्रु (जिस पर हम विजय नही पा सकते) को भी बिना प्रयास जीत अपने वश में कर सकते हैं। इसलिए वाक् शक्ति परमात्मा का दिया हुआ एक परम उपहार है। Batchit Saransh
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