विवरण
usne kaha tha saransh
आधारित पैटर्न | बिहार बोर्ड, पटना |
---|---|
कक्षा | 12 वीं |
संकाय | कला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc) |
विषय | हिन्दी (100 Marks) |
किताब | दिगंत भाग 2 |
प्रकार | सारांश |
अध्याय | गद्य-2 | उसने कहा था – चंद्रधर शर्मा गुलेरी |
कीमत | नि: शुल्क |
लिखने का माध्यम | हिन्दी |
उपलब्ध | NRB HINDI ऐप पर उपलब्ध |
श्रेय (साभार) | रीतिका |
सारांश
Batchit Saransh
“उसने कहा था” कहानी शीर्षक के लेखक चंद्रधर शर्मा गुलेरी जी हैं। यह कहानी पाँच भागों में बटी हुई है। यह कहानी अमृतसर के भीड़ भरे बाजार में, 12 वर्ष का लड़का (लहनासिंह), 8 वर्ष की लड़की को तांगे के नीचे आने से बचाता है, यहीं से यह कहानी शुरू होती है। usne kaha tha saransh
दोनों चौक की एक दुकान पर सामान ले आए होते हैं। लड़का अपने मामा के केस धोने के लिए दही लेने आया था और लड़की रसोई के लिए बढ़िया लेने आई थी। दुकान पर ही दोनों एक दूसरे से बात करते हुए अपनी पहचान बताते हैं।
दुकान से सामान लेने के बाद वह दोनों अपने घर के लिए जाते हैं। लड़का मुस्कुराते हुए लड़की से पूछता है, “तेरी कुड़माई हो गई” लड़की “धत्त कह” कर भाग जाती है। दो-तीन बार लड़के ने फिर पूछा “तेरी कुड़माई हो गई” और लड़की उत्तर में वही “धत्त कहती” और भाग जाती।
usne kaha tha saransh
एक दिन लड़के ने फिर पूछा “तेरी कुड़माई हो गई” लड़की ने उसके विपरीत जवाब दिया “हाँ, हो गई कल, देखता नहीं यह रेशम के फूलों वाला सालू?” और भाग गई। लड़का हैरान और परेशान हो जाता है।
इसके बाद लहनासिंह से भेंट प्रथम विश्वयुद्ध के मोर्चे पर होती है। इस बात को 25 वर्ष बीत गए। अब लहनासिंह नंबर 77 राइफल्स में जमादार हो गया है। लहनासिंह याद करता है कि, छुट्टी के बाद घर से लाम पर जाते समय वह सूबेदार हजारा सिंह के घर आया था। usne kaha tha saransh
वहाँ सूबेदारनी ने उसे एकांत में बुलाकर कहा था कि मेरे पति और बेटा (बोधा) का ख्याल रखना। यह सूबेदारनी बचपन में अमृतसर में मिली वही लड़की थी। लहनासिंह, सूबेदारनी के प्यार को दुनिया से बचाकर, अपने हृदय में समेटे रखा और युद्ध में अपने प्राणों की बलि देकर भी हजारा सिंह और बोधासिंह की रक्षा की।
Quick Link
हिन्दी 100 मार्क्स सारांश
You may like this
गद्य-3 | संपूर्ण क्रांति सारांश – जयप्रकाश नारायण | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स
पद्य-6 | तुमुल कोलाहल कलह में Objective Q & A – जयशंकर प्रसाद | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स
Bihar Board Class 12 Hindi Chapter 11: हँसते हुए मेरा अकेलापन-सारांश और PDF डाउनलोड
परिचय haste hue mera akelapan VVI Questions हँसते हुए मेरा अकेलापन बिहार बोर्ड कक्षा 12…