Ganw ka ghar Subjective Question

पद्य-13 | गाँव का घर (प्रश्न-उत्तर) – ज्ञानेंद्रपति | कक्षा-12 वीं | हिन्दी 100 मार्क्स

विवरण

Ganw ka ghar Subjective Question

आधारित पैटर्नबिहार बोर्ड, पटना
कक्षा12 वीं
संकायकला (I.A.), वाणिज्य (I.Com) & विज्ञान (I.Sc)
विषयहिन्दी (100 Marks)
किताबदिगंत भाग-2
प्रकारप्रश्न-उत्तर
अध्यायपद्य-13 | गाँव का घर – ज्ञानेंद्रपति
कीमतनि: शुल्क
लिखने का माध्यमहिन्दी
उपलब्धNRB HINDI App पर उपलब्ध
श्रेय (साभार)रीतिका
पद्य-13 | गाँव का घर (प्रश्न-उत्तर) – ज्ञानेंद्रपति | कक्षा-12 वीं
कवि की स्मृति में ‘घर का चौखट’ इतना जीवित क्यों है ?

उत्तर 

कवि की स्मृति में घर का चौखट इसलिए इतना जीवित है क्योंकि यह उनकी संस्कृति और बचपन की यादों से जुड़ी थी।
गाँव के जो घर की चौखट होती थी वह घर की सीमा होती थी। उसके अंदर आने के लिए बुजुर्गों और पुरुषों को संकेत देना होता था। टिकुली साटने के लिए सहजन के पेड़ से छुराई गई गोंद का गेह उस चौखट पर रहता था। चौखट के बगल में गेरु-लिपि पर दूध में डूबे में अंगूठे

के छाप थे। Ganw ka ghar Subjective Question


‘पंच परमेश्वर’ के खो जाने को लेकर कवि चिंतित क्यों है ?

उत्तर 

पंच परमेश्वर के खो जाने को लेकर कवि चिंतित इसलिए हैं क्योंकि पंच परमेश्वर गाँव की ताकत और निव है। गाँव में जब कोई वात-विवाद होता था तो पंच परमेश्वर द्वारा पंचायत के माध्यम से हल कर लेते थे। अब सभी न्यायालय में जाते हैं। जहाँ समय के साथ-साथ धन की भी हानि होती है और उचित समय पर न्याय भी नहीं मिलता है।


‘कि आवाज भी नहीं आती यहाँ तक, न आवाज की रोशनी न रोशनी की आवाज’ – यह आवाज क्यों नहीं आती ?

उत्तर 

कि आवाज भी नहीं आती यहाँ तक, न आवाज की रोशनी न रोशनी की आवाज‘ – यह आवाज इसलिए नहीं आती है क्योंकि सभी लोग के पास इतना पैसा नहीं है कि वह बिजली का बिल भर पाए और टीवी या ऑर्केस्ट्रा बजाकर उस का आनंद ले सके। जिन लोगों के पास है, वह बड़े और पैसे वाले लोग हैं। जो छोटे और गरीब लोगों से दूर ही रहते हैं।


आवाज की रोशनी या रोशनी की आवाज का क्या अर्थ है ?

उत्तर 

आवाज की रोशनी या रोशनी की आवाज का अर्थ है। जो लोग गरीब है। उनकी आवाज, उनकी खुशी अमीर लोगों के सामने दब जाती हैं। आवाज के अंदर एक ताकत छिपी हुई है। जिससे वह दूर तक किसी को भी सावधान कर दे अथवा वैसा प्रकाश जो आवाज देकर व्यवस्था बदल दे।


कविता में किस शोकगीत की चर्चा है ?

उत्तर 

होरी-चैती, विरहा-अल्हा आदि, लोकगीतो की दुर्गति देखकर कवि दुखी हैं। कवि यह देखकर बहुत दुखी हो रहे हैं कि आधुनिक संस्कृति में लोकगीतो की जन्मभूति में ही उसे विकट स्थिति में पहुँचा दिया है। उसकी इस दुर्गति पर शोकगीत द्वारा संवेदना प्रकट की जा रही है। जो भटकाव की स्थिति में है।


सर्कस का प्रकाश-बुलौआ किन कारणों से मरा होगा ?

उत्तर 

सर्कस का प्रकाश बुलावा निम्न कारणों से मरा होगा।
बिजली आने के कारण:- पहले गाँव में बिजली नहीं थी, इसलिए लोग सर्कस की ओर आकर्षित होते थे।
गाँव का वेश-भूषा, रहन-सहन और परंपरा सब कुछ बदल गया। अब गाँव में भी सभी सुविधाए आ रहे हैं।
गाँव वालों का झुकाव शहर की ओर अब कम हो गया। सर्कस के प्रकाश का जो मोह था वह टूट गया।


गाँव के घर की रीढ़ क्यों झुरझुराती है, इस झुरझुराहट के क्या कारण हैं ?

उत्तर 

गाँव के घर की रीढ़ अपनी संस्कृति को खोते देखकर झुरझुराती आती है। इस झुरझुराहट का कारण:-
गाँव के लोग आधुनिक परंपरा को अपना रहे हैं और अपनी संस्कृति सभ्यता को भूलाते जा रहे हैं।
गाँव के लोग गाँव को छोड़कर शहर की ओर जा रहे हैं और गाँव में भी सभी सुविधाए आ गई है।
गाँव अपने पंच-परमेश्वर को खो चुका है, अब लोग पंचायत के बदले न्यायालय में जाते हैं।


मर्म स्पष्ट करें –
‘कि जैसे गिर गया हो गजदंतों को गँवाकर कोई हाथी’

उत्तर 

कवि ने यँहा स्पष्ट किया है कि हम आधुनिक वस्तुओं से मोहित होकर अपनी परंपरागत जीवन को बदलते जा रहे हैं। उनका वेश-भूषा, रहन-सहन सब कुछ बदलता जा रहा है। इन सभी को देखते हुए कवि ने कहा है, मानो कोई हाथी अपने चमकते दांतों को गवाकर बैठ गया हो। उसके रेते गए दांत की कुछ श्वेत धूल बच गए हो। कवि के कहने का भाव यह है कि, शहर के प्रति लोगों का झुकाव अत्यंत ही अल्प रह गया। अब ग्रामीण परिवेश में भी शहर की सारी सुविधाये उपलब्ध है।


कविता में कवि की कई स्मृतियाँ दर्ज हैं। स्मृतियों का हमारे लिए क्या महत्त्व होता है, इस विषय पर अपने विचार विस्तार से लिखें ।

उत्तर 

कविता में कवि की कई स्मृतियाँ दर्ज है। कवि अपने कविता के माध्यम से उन स्मृतियों को बताते हैं। गाँव के घर का चौखट जहाँ से घर के अंदर प्रवेश करने के लिए बुजुर्गों को खासकर, आवाज लगाकर जाना पड़ता था। गेरू लिपि दीवार पर दूधवाले के अंगूठे का निशान आदि को याद करते हैं। सर्कस के लिए प्रकाश-बुलौओ को भी बताते हैं। वे कहते हैं, बिजली आने के कारण अब दहेज में टीवी की माँग होती है।

Ganw ka ghar Subjective Question


चौखट, भीत, सर्कस, घर, गाँव और साथ ही बचपन के लिए कवि की चिंता को आप कितना सही मानते हैं ? अपने विचार लिखें।

उत्तर 

चौखट, भीत, सर्कस, घर, गाँव और साथ ही बचपन के लिए कवि की चिंता को बिल्कुल सही हैं। क्योंकि हर समाजिक व्यक्ति का ऐसा सोचना स्वाभाविक है। ये सही है की आज मनुष्य विज्ञान के सहारे प्रगति कर रहा है लेकिन कुछ परिवर्तन हमे सोचने के लिए मजबूर कर देता है । चौखट, भीत, सर्कस, घर, गाँव और बचपन का सीधा संबंध भारतीय संस्कृति तथा उसकी परंपरा से है। इसमे हो रही परिवर्तन भारतीय संस्कृति को प्रभावित करता है। इसलिए कवि की चिंता सही है ।


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